shiv chalisa lyrics in english Fundamentals Explained
shiv chalisa lyrics in english Fundamentals Explained
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लै त्रिशूल शत्रुन को मारो । संकट से मोहि आन उबारो ॥
मोहिः संभ्रान्तः स्थित्वा शान्तिं न प्राप्नोत्।
शिव चालीसा का पाठ पूर्ण भक्ति भाव से करें।
अर्थ- हे प्रभु जब क्षीर सागर के मंथन में विष से भरा घड़ा निकला तो समस्त देवता व दैत्य भय से कांपने लगे आपने ही सब पर मेहर बरसाते हुए इस विष को अपने कंठ में धारण किया जिससे आपका नाम नीलकंठ हुआ।
भाल चन्द्रमा सोहत नीके । कानन कुण्डल नागफनी के॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
वेद नाम महिमा तव गाई । अकथ अनादि भेद नहिं पाई ॥
जय जय जय अनन्त अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।
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कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात shiv chalisa lyrics in gujarati न काऊ॥
अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥